Haryana Greenfield Expressway: देश में सड़क कनेक्टिविटी को और मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार लगातार सक्रिय है। इस क्रम में, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से लेकर हरियाणा के पानीपत तक 750 किलोमीटर लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा, जिससे 22 जिलों की सड़क कनेक्टिविटी मजबूत होगी। Haryana Greenfield Expressway
प्रोजेक्ट में नई पहल
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने दिल्ली की एक आईसीटी फर्म को कंसल्टेंट के तौर पर चुना है। यह फर्म प्रोजेक्ट की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने के साथ-साथ जमीन का सीमांकन भी करेगी। गोरखपुर से शुरू होकर हरियाणा के औद्योगिक जिले पानीपत तक फैलने वाला यह एक्सप्रेसवे यात्रा का समय कम करेगा। गोरखपुर से हरिद्वार की यात्रा अब केवल 8 घंटे में पूरी की जा सकेगी।
जिलों की कनेक्टिविटी में सुधार
यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से लेकर हरियाणा के पानीपत तक करीब 750 किलोमीटर लंबा होगा और 22 जिलों को जोड़ने का काम करेगा। इसमें गोरखपुर, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच, लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, बिजनौर, अमरोहा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली शामिल हैं। पहले यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर और शामली तक ही सीमित था, लेकिन अब यह हरियाणा के पानीपत तक विस्तारित होगा।
कारोबारी अवसरों का विस्तार
पानीपत, जो कपड़ा उद्योग के लिए मशहूर है, अब इस एक्सप्रेसवे के जरिए उत्तर प्रदेश के कई पिछड़े जिलों से सीधे जुड़ जाएगा। इसके परिणामस्वरूप इन जिलों में व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी और नए अवसर पैदा होंगे। गोरखपुर से पानीपत तक इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा। Haryana Greenfield Expressway
परियोजना का समयसीमा
एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, इस परियोजना को कई चरणों में पूरा किया जाएगा। दिल्ली की आईटी फर्म न सिर्फ खर्च का आकलन करेगी, बल्कि निर्माण के लिए ठेकेदारों का चयन भी करेगी। डीपीआर तैयार होने के बाद निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी, और चयनित फर्मों को इस एक्सप्रेसवे का निर्माण तीन साल में पूरा करना होगा।