खाटू श्याम जी मंदिर और हनुमान जी की पूजा का रहस्य, पढ़े पीछे का कारण

राजस्थान के खाटू गांव में स्थित खाटू श्याम जी का मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां महाभारत के महान योद्धा बर्बरीक की पूजा की जाती है। इस मंदिर में खाटू श्याम जी के साथ-साथ हनुमान जी की भी पूजा होती है। यह एक अनोखी धार्मिक परंपरा है, और आज हम इस मंदिर में हनुमान जी की पूजा का कारण समझेंगे।

हनुमान जी और खाटू श्याम जी का संबंध

खाटू श्याम जी मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित होने का मुख्य कारण यह है कि हनुमान जी को भगवान कृष्ण का भक्त माना जाता है और खाटू श्याम जी भी भगवान कृष्ण के एक रूप के रूप में पूजे जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी ने भगवान राम के साथ मिलकर राक्षसों से युद्ध किया और भगवान राम के प्रति अपनी निष्ठा का परिचय दिया। भगवान राम को भगवान कृष्ण का ही एक अवतार माना जाता है, इसलिए हनुमान जी और खाटू श्याम जी दोनों ही भगवान कृष्ण के प्रति अपनी श्रद्धा रखते हैं। Khatu Shyam Ji Mandir or Hanuman Ji Ki Puja

खाटू श्याम जी का जन्म और पौराणिक कथा

खाटू श्याम जी, जिन्हें बर्बरीक के नाम से भी जाना जाता है, महाभारत काल के एक महान और वीर योद्धा थे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने बर्बरीक को कलियुग में श्याम के रूप में पूजे जाने का वरदान दिया था। बर्बरीक की महानता और उनकी निष्ठा को देखते हुए, उन्हें भगवान कृष्ण ने विशेष वरदान प्रदान किया। बर्बरीक ने अपने प्राणों का बलिदान दिया और भगवान कृष्ण के प्रति अपनी निष्ठा की मिसाल पेश की।

क्यों हनुमान जी और खाटू श्याम जी की पूजा एक साथ की जाती है?

कहा जाता है कि हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त हैं और भगवान राम को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है। इस कारण हनुमान जी और खाटू श्याम जी दोनों का संबंध भगवान कृष्ण से है। हनुमान जी की पूजा खाटू श्याम जी के मंदिर में इसलिए की जाती है, क्योंकि वे दोनों भगवान कृष्ण के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा रखते थे और दोनों का उद्देश्य भगवान कृष्ण की भक्ति करना था। इस प्रकार, हनुमान जी और खाटू श्याम जी के बीच एक आध्यात्मिक संबंध है।

खाटू श्याम जी मंदिर का इतिहास

खाटू श्याम जी मंदिर का निर्माण राजा रूपसिंह चौहान और उनकी पत्नी नर्मदा कंवर ने करवाया था। कहा जाता है कि राजा को एक रात सपने में भगवान कृष्ण का आदेश मिला था कि वे बर्बरीक का शीश खाटू गांव में स्थापित करें। राजा ने इस आदेश का पालन किया और मंदिर का निर्माण करवाया। Khatu Shyam Ji Mandir or Hanuman Ji Ki Puja

बर्बरीक का शीश और खाटू श्याम कुंड

कहा जाता है कि खाटू श्याम के कुंड में बर्बरीक का शीश पाया गया था, और भक्त यहां अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए डुबकी लगाते हैं। यह स्थल भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है, और यहां आने से उनके दुख दूर होते हैं और उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं।

दान की कथा

एक और महत्वपूर्ण कथा यह है कि बर्बरीक ने अपना शीश भगवान कृष्ण को दान किया था, और यह दान चुलकाना धाम में दिया गया था, जो हरियाणा के पानीपत जिले में स्थित है। इस दान के बाद, बर्बरीक का शीश खाटू में स्थापित किया गया, और वहां से यह स्थल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बन गया।

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